प्रश्न और उनके उत्तर अथवा शंकाएं और उनके समाधान

 

शंका १: परमात्मा जिसे चाहेगा, उसे अपना स्वरूप प्रकट करेगा, तो हमारे सम्पूर्ण सत्प्रयत्न बेकार होंगे, हमें कोई आवश्यकता नहीं है कि हम प्रतिदिन उस परमेश्वर की स्तुति उपासना करें, यज्ञादि सत्कर्म करें।

शंका २: यज्ञ में चम्मच को अंगूठा, मध्यमा एवं अनामिका से पकड़ने का विधान क्यों किया है?

शंका ३: आर्यसमाजी न किसी देवी-देवता की पूजा करते हैं, न सत्यनारायण की कथा करते हैं। भला जो पूजा न करता हो, वह आस्तिक कैसा? भला हवन कर लेना, यज्ञ कर लेना क्या कोई देव पूजा हुई?

शंका ४ – यह क्यों ना माना जाए कि जिस प्रकार कई वस्तुएं सड़ने पर मादकता स्वयं आ जाती है वैसे ही पांच तत्वों के मिलने पर चेतनता स्वयं पैदा हो जाएगी?

शंका ५: जीवात्मा भविष्य में जो विचार करेंगें, उसका ज्ञान ईश्वर को पहले से हो सकता है या नहीं?

शंका ६: क्या योनियों की संख्या 84 लाख है?

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