शिक्षा का अर्थ क्या है?

 

अनुशासन और प्यार से विद्या द्वारा मानव का चरित्र निर्माण करना, जिससे वह अपने परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व का उद्धार कर सके, ही शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य है।

Physics, Chemistry, Biology, Economics आदि विषयों के सिद्धान्तों की जानकारियाँ देना ही शिक्षा नहीं है, बल्कि, यह बताना कि इन विषयों की जानकारियाँ, किस तरह व्यक्ति को उसके आस्तित्व के उद्देश्य को पूरा करने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं, ही वास्तविक शिक्षा है। साधारण शब्दों में यह कहा जा सकता है कि नैतिकता के बिना इन विषयों को जानना, अनावश्यक जानकारियाँ इकट्ठा करना मात्र है।

सरल शब्दों में कहें, तो शिक्षा का कार्य गलत और सही में सही का चुनाव करना व अपने चुनाव को अपने अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति में साधन बनाना है। जो व्यक्ति गलत और सही में सही का चुनाव नहीं कर सकता अथवा सही का चुनाव करने के पश्चात उसे अपने अंतिम लक्ष्य की प्राप्ति में साधन बनाने में सक्षम नहीं है, वह अशिक्षित है।

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