भाग्य क्या है व इसका हमारे जीवन में क्या योग है?

 

भाग्य ओर कुछ नहीं, बल्कि हमारे कर्मों का ही परिणाम है।

हर कार्य के पीछे कारण छुपा हुआ होता है। बिना कारण के कुछ भी घटित नहीं होता। इसी तरह, जिन विशेष परिस्थितियों को भाग्य कह दिया जाता है‚ उनका कारण हमारे पहले के कर्म ही होते हैं। क्योंकि, हमारे कर्म हमारे व्यक्तित्व पर निर्भर करते हैं, इसलिए, यह कहा जा सकता है कि जैसा, हमारा आज का व्यक्तित्व है, वैसा ही हमारा कल का भाग्य होगा।

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