भविष्य तो अटल है, फिर उसकी जानकारी से हमें क्या लाभ हो सकते हैं?

 

यह, बिल्कुल, नहीं कहा जा सकता कि ऐसा तो अवश्य ही होगा, यानि कि, भविष्य को अटल नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक जीवात्मा कर्म करने में स्वतन्त्र है और जीवात्मा की यह स्वतन्त्रता प्रत्येक क्षण बनी रहती है। भविष्य को अटल मानना, जीवात्मा की कर्म करने की स्वतन्त्रता से इन्कार करना है। यदि, भविष्य को अटल माना जाए और यह माना जाए कि उसमें किसी तरह का फेर बदल सम्भव नहीं, तो ऐसे अटल भविष्य की जानकारी प्राप्त करना, मूर्खतापूर्ण कृत्य ही माना जाना चाहिए।

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